गैस्ट्रिक(Gastric)

गैस्ट्रिक

गैस्ट्रिक : कारण, लक्षण, जांच और इलाज | गैस्ट्रिक के दर्द से कैसे बचें

 पेट में गैस बनना एक सामान्य समस्या है जो आजकल हर उम्र के लोगों में देखने को मिल रही है। यह समस्या अनियमित खानपान, जीवनशैली में बदलाव और कुछ विशेष बीमारियों की वजह से उत्पन्न होती है। गैस्ट्रिक की समस्या पेट में असहजता, सूजन और दर्द का कारण बन सकती है। इस ब्लॉग में हम गैस्ट्रिक की समस्या के कारण, लक्षण, जांच और इलाज पर विस्तार से चर्चा करेंगे और यह भी बताएंगे कि इस समस्या से कैसे बचा जा सकता है।

गैस्ट्रिक की समस्या के कारण

पेट में गैस बनना समस्या के अनेक कारण हो सकते हैं, जिनमें मुख्य कारण इस प्रकार हैं:

गैस्ट्रिक और गलत खानपान

तली-भुनी, मसालेदार और अधिक तेल युक्त भोजन गैस बनने का मुख्य कारण है। बिना समय पर भोजन करना या ज्यादा देर तक भूखे रहना भी पेट में गैस उत्पन्न कर सकता है।

गैस्ट्रिक और अनियमित जीवनशैली

भागदौड़ भरी जिंदगी, तनाव, अनिद्रा और शारीरिक गतिविधियों की कमी से गैस्ट्रिक समस्या होती है। जब हमारा शरीर पर्याप्त आराम नहीं कर पाता, तब पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है।

गैस्ट्रिक और खराब आदतें

अत्यधिक चाय, कॉफी, शराब और धूम्रपान का सेवन गैस्ट्रिक की समस्या को बढ़ा सकता है। खासकर खाली पेट चाय या कॉफी पीने से एसिडिटी बढ़ती है।

गैस्ट्रिक और पाचन तंत्र में विकार

अगर किसी को पहले से ही पाचन तंत्र से संबंधित बीमारियां हैं, जैसे अल्सर, गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD), तो गैस्ट्रिक की समस्या होने की संभावना अधिक होती है।

गैस्ट्रिक और कुछ दवाइयां

लंबे समय तक एंटीबायोटिक्स या दर्द निवारक दवाइयों का सेवन करने से भी गैस्ट्रिक की समस्या उत्पन्न हो सकती है क्योंकि ये दवाइयाँ पेट के एसिड को प्रभावित करती हैं।

गैस्ट्रिक के लक्षण

पेट में दर्द और सूजन

पेट में गैस बनना समस्या होने पर पेट में तेज दर्द या असहजता महसूस होती है। पेट में सूजन और भारीपन की शिकायत भी आम है।

डकार और पेट फूलना

अधिक गैस बनने पर व्यक्ति को बार-बार डकार आने लगती है और पेट फूला हुआ महसूस होता है।

सीने में जलन (हार्टबर्न)

सीने में जलन

पेट में गैस बनना की वजह से कई बार सीने में जलन होती है, जिसे हार्टबर्न कहते हैं। यह आमतौर पर भोजन के बाद होता है।

गैस्ट्रिक में अपच और उल्टी की प्रवृत्ति

पेट में गैस बनना की समस्या से ग्रसित व्यक्ति को भोजन पचाने में दिक्कत होती है। उसे मतली और उल्टी की समस्या भी हो सकती है।

भूख में कमी

पेट में गैस बनने पर व्यक्ति की भूख कम हो जाती है और खाने की इच्छा नहीं होती।

गैस्ट्रिक की जांच: गैस्ट्रिक समस्या के सही कारणों और इलाज के लिए डॉक्टर कुछ जांचें कर सकते हैं:

शारीरिक जांच

डॉक्टर पेट को दबाकर और उसके लक्षणों के आधार पर प्रारंभिक जांच करते हैं।

एंडोस्कोपी

यह जांच पेट और आंतों के अंदर की स्थिति देखने के लिए की जाती है। इसमें एक लंबी पतली ट्यूब के माध्यम से कैमरे को पेट के अंदर भेजा जाता है, जिससे डॉक्टर गैस्ट्रिक की समस्या का सही कारण जान सकते हैं।

अल्ट्रासाउंड और CT स्कैन

पेट में सूजन, आंतों के अवरोध या किसी अन्य गंभीर समस्या का पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड और CT स्कैन की सलाह दी जा सकती है।

ब्लड टेस्ट

पेट में इंफेक्शन या किसी अन्य समस्या का पता लगाने के लिए खून की जांच की जाती है।

पेट में गैस बनना का इलाज

खानपान में सुधार

पेट में गैस बनना की समस्या से बचने के लिए सबसे पहले अपने खानपान को सही करना जरूरी है। मसालेदार, तैलीय और भारी भोजन से बचें। छोटे-छोटे अंतराल पर हल्का और संतुलित भोजन करें। हरी सब्जियों, फल और फाइबर युक्त आहार को अपने भोजन में शामिल करें।

आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय

गैस्ट्रिक समस्या के इलाज के लिए कुछ आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय कारगर हो सकते हैं: – अदरक, पुदीना और अजवाइन का सेवन गैस को कम करने में मदद करता है। – एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू का रस और शहद मिलाकर पीने से पेट की गैस से राहत मिलती है। – हल्दी वाला दूध भी पेट की समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है।

एलोपैथिक दवाइयां

अगर गैस्ट्रिक की समस्या गंभीर हो तो डॉक्टर द्वारा कुछ दवाइयां दी जा सकती हैं: –
एंटासिड्स: पेट की गैस और एसिडिटी को कम करने के लिए एंटासिड्स दिये जाते हैं।
प्रोटोन पंप इनहिबिटर्स (PPIs): ये दवाइयां पेट के एसिड को कम करने में मदद करती हैं।
गैस्ट्रोप्रोटेक्टिव एजेंट्स: ये पेट की अंदरूनी परत की रक्षा करती हैं, जिससे पेट में अल्सर या अन्य समस्याओं से बचा जा सके।

योग और व्यायाम

योग और व्यायाम

नियमित रूप से योग और व्यायाम करने से पेट की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और पाचन तंत्र सही तरीके से काम करता है। कुछ खास योगासन, जैसे पवनमुक्तासन, भुजंगासन और वज्रासन, गैस की समस्या को कम करने में सहायक होते हैं।

गैस्ट्रिक के दर्द से बचने के उपाय

समय पर भोजन करें

हमेशा समय पर और संतुलित भोजन करें। रात का खाना सोने से कम से कम 2-3 घंटे पहले खा लें ताकि पाचन सही तरीके से हो सके।

तनाव कम करें

तनाव

मानसिक तनाव भी गैस की समस्या को बढ़ाता है। ध्यान, प्राणायाम और योग के माध्यम से तनाव को कम करें।

पर्याप्त पानी पिएं

दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं। पानी पाचन तंत्र को सही तरीके से काम करने में मदद करता है और गैस्ट्रिक की समस्या को कम करता है।

धीमे-धीमे खाएं

भोजन को हमेशा धीरे-धीरे चबाकर खाएं। जल्दी-जल्दी खाने से पेट में गैस बनती है।

शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाएं

रोजाना 30 मिनट की सैर, योग या हल्के व्यायाम करें। इससे पाचन तंत्र मजबूत होता है और गैस की समस्या कम होती है।

निष्कर्ष:

गैस्ट्रिक एक सामान्य समस्या है, लेकिन इसे अनदेखा करना सही नहीं है। सही खानपान, नियमित जीवनशैली और समय पर इलाज से इस समस्या को दूर किया जा सकता है। अगर गैस्ट्रिक की समस्या बार-बार हो रही है, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है ताकि किसी गंभीर बीमारी का पता चल सके। अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए समय पर भोजन करें, तनाव को दूर रखें और रोजाना योग-व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

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